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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वच्छता समिति की बैठक

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स्वच्छता अभियान

जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिला स्वच्छता समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्वच्छता को बढ़ावा देना और पंचायतों को आत्मनिर्भर एवं मॉडल स्वरूप में विकसित करना था।

ग्राम पंचायतों का विकास और सक्रियता

जिलाधिकारी ने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि वे एक-एक ग्राम पंचायत को गोद लें और उन्हें मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करें। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में कैमरे लगाए जाएं ताकि सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, हर ग्राम पंचायत में एक औषधि उपवन बनाने के लिए जगह चिन्हित करने को कहा गया। शिक्षा और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पुस्तकालय, खेल का मैदान और जिम की स्थापना की तैयारी करने के भी निर्देश दिए।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन

बैठक में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को प्राथमिकता देने पर विशेष बल दिया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निर्मित आरआरसी (रिकवरी, रिडक्शन, रीसाइक्लिंग) केंद्रों को तुरंत संचालित करने के आदेश दिए। सभी खंड विकास अधिकारियों को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन सुनिश्चित करने और ग्रामीणों से यूजर चार्ज वसूलने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों में यह आदत डालने पर जोर दिया कि वे कूड़ा बाहर न फेंके और उन्हें सफाई के प्रति प्रेरित किया जाए। पंचायतों के सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया।

स्वच्छता और पानी पंचायत समितियों को सक्रिय करना

जिलाधिकारी ने पंचायत स्वच्छता समिति और पानी पंचायत समिति को सक्रिय करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो भी कर्मचारी इन समितियों की बैठकों में भाग नहीं ले रहे हैं, उन्हें नोटिस दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये समितियाँ प्रभावी ढंग से कार्य करें और ग्रामीण स्वच्छता तथा जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

मिशन 100 और पंचायतों के आय के साधन

बैठक में मिशन 100 के तहत विकास खंडों में खोदे गए तालाबों का भी जिक्र हुआ। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अगली बैठक में खंड विकास अधिकारी इन तालाबों के संबंध में प्रस्तुतीकरण देंगे। ओडीएफ प्लस मॉडल ग्रामों के प्रधानों, जैसे कैलसा, करनपुर माफी, सागर कली, चुचैला कला, आदि ने अपने-अपने गांवों में किए गए विकास कार्यों और उन्हें मॉडल बनाने के तरीकों पर प्रस्तुतीकरण दिया। जिलाधिकारी ने पंचायतों को आय का साधन बनाने पर भी जोर दिया, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार मिश्र, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सत्यपाल, जिला पंचायत राज अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख अमरोहा गुरेन्द्र सिंह, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक ग्रामीण स्वच्छता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका लक्ष्य स्वच्छ, सुंदर और आत्मनिर्भर ग्राम पंचायतों का निर्माण करना है।

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